Sunday, June 14, 2015

Shani ji in seventh house effects and upay


Shani ji in seventh house effects and upay

सप्तम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय
1. सातवें भाव में शनि होतो आदमी कोई भी कार्य शुरू करने के बादहिम्मत नहीं हारता और धन स्थायी रहता है 
2. जिस व्यक्ति के सप्तम भाव में शनि होता है वह स्त्री सुख सेवंचित रहता है यदि शनि निर्बल हो या सप्तम भाव पर शुभ स्थानों पर बैठे शुभ ग्रहोंकी द्रष्टि हो तो कुछ पत्नी सुख प्राप्त होता है , परंतु फिर भी पत्नी के कारणकलहा बनी रहेगी तथा वह दाम्पत्य जीवन का पूर्ण आनंद उठा सकेगा





3. सप्तम भाव में शनि हो तो व्यक्ति कठोर ह्रदय और राजनीति मेंअच्छा होता है, परंतु यह सुख एकांगी ही कहा जा सकता है।
4. सप्तम भाव में शनि होतो व्यक्ति के लिए यात्रा करना भी कष्टदायकहो सकता है
5. व्यक्ति को न्यायालय एवं राज्य से निराशा प्राप्त होती है
6. प्रबल शनि सप्तम भाव में पत्नी से संपत्ति प्रदान करता है , स्थायीवैभव भी संभव है
7. ऐसा शनि स्त्री की कुंडली में होतो उसका विवहा विधुर, आयु मेंबड़े एवं संपत्तिवान व्यक्ति से होता है

सप्तम भाव में शनि के लाल किताबके उपाय

1. पराई स्त्री से अवैध संबंध कदापि बनाएँ
2. हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमितरूप से खिलाएँ
3. शनि यंत्र धारण करें
4. मिट्टी के पात्र में शहद भरकर खेत में मिट्टी के नीचे दबाएँ। खेत की जगह बगीचे में भी दबा सकते हैं
5. अपने हाथ में घोड़े की नाल का शनि छल्ला धारण करें

सप्तम का शनि नहीं देगा वैवाहिक सुख 

लग्न से सातवाँ भाव विवाह का कारक

सप्तम भाव लग्न कुडंली में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, लग्न से सातवाँ भाव ही दाम्पत्य विवाह के लिए कारक माना है। इस भाव एवं इस भाव के स्वामी के साथ ग्रहों की स्थिति दृष्टि संबंध के अनुसार उस जातक पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है।

सप्तम भाव विवाह एवं जीवनसाथी का घर माना जाता है। इस भाव में शनि का होना विवाह और वैवाहिक जीवन के लिए शुभ संकेत नहीं माना जाता है। इस भाव में शनि की स्थिति होने पर व्यक्ति की शादी सामान्य आयु से देरी से होती है। सप्तम भाव में शनि अगर नीच राशि में हो तो तब यह संभावना रहती है कि व्यक्ति काम पीड़ित होकर किसी ऐसे व्यक्ति से विवाह करता है जो उम्र में उससे अधिक बड़ा हो।


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