Tuesday, June 16, 2015

purushottam adhik maas month 2015

purushottam adhik maas month 2015

विशेष-
अभी 17 जून से पुरूषोत्तम माह आरम्भ होगा जिसे अधिक मास कहा जाता है ।यह 16 जुलाई तक चलेगा
इसमें विवाह कार्य वर्जित है अन्य मांगलिक कार्य वर्जित हैं ।जैसे --मुन्डन, यज्ञोपवीत, गृहारम्भ, गृहप्रवेश, अग्न्याधान, वृषोत्सव उपाकृति राज्यभिषेक, सकामयज्ञादि, नववधुप्रवेश, दीक्षाग्रहण, वस्तुक्रय, भूमि आभूषण, वाहनादि का क्रय, व्रतोद्यापन, वापी कूप तडागादि वर्जित कार्य हैं





अधिक मास में किये जाने वाले कार्य--
" श्राद्ध, तीर्थश्राद्ध, वार्सिक श्राद्ध, गजाच्छायाश्राद्ध, दर्शश्राद्ध, प्रेतक्रिया, सपिण्डीकरण, सूर्य चन्द्र ग्रहण सम्बन्धी स्नानादि कार्य मलमास में करना चाहिये।"

यथा मनुस्मृति में लिखा है कि --
"तीर्थश्राद्ध दशश्राद्ध प्रेतश्राद्ध सपिण्डनम्।
चन्द्र सूर्य ग्रहे स्नानं मलमासं वधीयते।।"

यदि मृत्यु के वर्ष में अधिमास प्राप्त हो तो, जिस मास में वह प्राप्त होता है उसकी द्विरावृत्ति श्रीद्ध होती है अर्थात एक मास का अधिक श्राद्ध होता है। और यदि मलमास में ही किसी की मृत्यु होतो उससे जोबारहवां मास हो उसमें आभ्युदायिक तथा श्यामाग्रयण कृच्छ के साथ प्रेत क्रियादि वार्षिक श्राद्ध सम्पन्न करना चाहिये ऐसा आचार्य कहते करते वर्णन है

अधिक मास उसे कहते हैं जिस चन्द्र मास के दोंनो पक्षों में सूर्य संक्रान्ति ना हो, उसे ही अधिक मास कहा गया है। एवं जिस मास में सूर्य की दो संक्राति हों, उसे क्षय मास कहा जाता है

लोक व्यवहार हेतु इसे पुरूषोत्तम मास एवं मलमास भी कहा जाता है। अधिक मास में शुभ कार्य नहीं करते

"दर्शद्वयमतिक्रम्य यदा संक्रान्ते रविः।
मलमासःसविज्ञय सर्वकर्मषु गर्हितः।।"

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