Beej Mantras of all 9 Planets
इस पोस्ट में मैं नव ग्रहों के ग्रह मंत्र बताने जा रहा हूँ ।
आप में से कुछ लोग सोच रहे होंगे की इन मन्त्रों का क्या फायदा है । इन मन्त्रों का प्रयोग किया जाता है कमज़ोर ग्रह को शक्ति देने के लिए या फिर खराब असर देने वाले गृह को शांत करने के लिए । अगर आप के पास रत्न खरीदने के लिए पैसे नहीं है तो चिंता मत कीजिये । ग्रह का मंत्र बोलना भी उतना ही असर देगा जितना की ग्रह का रत्न । मैंने अपने अनुभव से यह निष्कर्ष निकाला है की मंत्र जप और पूजा, रत्नों से भी कहीं ज्यादा शक्तिशाली होती हैं, बशर्ते आप उन्हें खुद करें और किसी पंडित इत्यादि से न करवाएं ।
नीचे दिए हुए मन्त्रों को आप रत्न डालने से पहले भी बोल सकते हैं । उदाहरण के लिए अगर आप पुखराज डालने लगे हैं, जो ब्रहस्पति का रत्न होता है, तो ब्रहस्पति का नीचे दिया हुआ मंत्र कम से कम 108 बार पुखराज के ऊपर पढ़ कर फिर उसे डालिए, इसी तरह अगर आप पन्ना डालने लगे हैं, जो बुध का रत्न है तो पन्ने पर पहले बुध का मंत्र कम से कम 108 बार पढ़िए और फिर डालिए । इसी तरह बाकी रत्नों के लिए । कौनसा रत्न किस ग्रह का होता है यह जानने के लिए इस पोस्ट को पढ़िए ।
मंत्र इस प्रकार हैं
ग्रह
|
मंत्र
|
कितनी बार
|
सूर्य
|
ॐ ह्राम ह्रीम ह्रौम सह सुर्याए नमः
|
40 दिन में 7,000 बार
|
चन्द्र
|
ॐ श्राम श्रीम श्रौम सह चंद्राए नमः
|
40 दिन में 11,000 बार
|
मंगल
|
ॐ क्राम क्रीम क्रौम सह भौमाए नमः
|
40 दिन में 11,000 बार
|
बुध
|
ॐ ब्राम ब्रीम ब्रौम सह बुधाए नमः
|
40 दिन में 17,000 बार
|
ब्रहस्पति
|
ॐ ग्राम ग्रीम ग्रौम सह गुरवे नमः
|
40 दिन में 19,000 बार
|
शुक्र
|
ॐ द्राम द्रीम द्रौम सह शुक्राए नमः
|
40 दिन में 20,000 बार
|
शनि
|
ॐ प्राम प्रीम प्रौम सह शनिश चराए नमः
|
40 दिन में 23,000 बार
|
राहू
|
ॐ भ्राम भ्रीम भ्रौम सह राहवे नमः
|
40 दिन में 18,000 बार
|
केतु
|
ॐ श्राम श्रीम श्रौम सह केतवे नमः
|
40 दिन में 17,000 बार
|